MP Guest Teachers News : मध्य प्रदेश अतिथि शिक्षक भर्ती को लेकर एक और बड़ी अपडेट निकलकर सामने आ रही है। आप सभी की जानकारी के लिए बता दे किन DPI के एक आदेश से 15000 अतिथि शिक्षक बाहर हो चुके हैं जो काम से कम सरकारी स्कूलों में 10 से 15 साल से पढ़ने का काम कर रहे थे अब उनकी ना तो उनकी कहीं सुनवाई की जा रही है और एक ही आदेश से सबको बाहर कर दिया गया है। अगर आप यहां देखें DPI के एक आदेश से प्रदेश के 15000 हो गए बेरोजगार नीचे यहां पर तमाम जानकारी दी गई है
MP Guest Teachers Latest News : मध्य प्रदेश के सरकारी स्कूलों में शिक्षकों की कमी को पूरी करने के लिए अतिथि शिक्षकों की हर साल भारती की जाती है हजारों शिक्षक पिछले 10 से 15 साल से सरकारी स्कूलों में अपनी सेवा दे रहे हैं इस वर्ष डीपीआई के एक आदेश ने करीब 15000 अतिथि शिक्षकों को बेरोजगार बना दिया है दरअसल बात यह है कि शिक्षा विभाग ने इस वर्ष अतिथि शिक्षकों की भर्ती में 30 फीसदी से कम रिजल्ट लाने वाले अतिथि शिक्षकों को दोबारा नौकरी पर नहीं रखने का आदेश जारी कर दिया है आप सभी की जानकारी के लिए बता दें कि अभी प्रदेश की स्कूलों में आधुनिक शिक्षकों की भर्ती जा रही है। खास बात है की डीपी के इस आदेश में ऐसे कई शिक्षक भी बेरोजगार हो रहे हैं जिसमें उनकी गलती नहीं है।
दरअसल कई बार सरकारी स्कूलों में आज की शिक्षकों से वह विषय भी पाड़वाया जाता है जो उनका नहीं है कई अदिति शिक्षक आखिरी के एक दो महीने सब्जेक्ट पढ़ाते हैं कुछ स्कूलों में बच्चे आते ही नहीं है और भी फेल हो जाते हैं खराब रिजल्ट पर इन शिक्षकों को जिम्मेदार बता दिया जाता है और गलती नही होने पर भी उन्हें दोबारा मौका नहीं दिया जाता है। जबकि नियमित शिक्षकों पर यह नियम लागू नहीं है उन्हें इस प्रकार का कोई दंड नहीं दिया जा रहा है ना ही उन पर कोई कानूनी कार्यवाही की जा रही है अतिथि शिक्षकों का कहना है कि अगर सरकार पिछले सालों का भी रिजल्ट देखें या कम से कम 2 साल का रिजल्ट देखकर यह नियम लागू करें तो उन्हें कोई दिक्कत नहीं होगी।
म.प्र. के अतिथि शिक्षकों का यह कहना है : मध्य प्रदेश के अतिथि शिक्षकों का यह कहना है –
जिन भी अतिथि शिक्षकों का रिजल्ट 30% से कम है उनकी सेवा अवधि देखी जाए और 40% शिक्षकों ने तीन बार ही पढ़ाया है।
इसके अलावा नियमित शिक्षक और अनियमित शिक्षकों का परीक्षा परिणाम का विश्लेषण होना चाहिए।
अतिथि शिक्षकों का मानदेय बहुत कम है तो सारी जवाबदारी थोपना गलत है।
अप्रैल और मई का वेतन अभी तक नहीं मिला है 50 किलोमीटर दूर जाकर पढ़ना मुश्किल है।
30% से कम रिजल्ट वाले अतिथि शिक्षकों को एक बार मौका देना चाहिए।
अगले परीक्षा सत्र में भी सुधार नहीं होता है तो हटा सकते हैं।
पिछले तीन सत्रों के परीक्षा परिणाम को भी देखना चाहिए अगर किसी अतिथि शिक्षक का पिछले सत्र का रिजल्ट अच्छा है तो उसे एक मौका जरूर देना चाहिए।
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